🎓 छत्तीसगढ़ के निजि विश्वविद्यालयों की मनमानी पर लगा सवालिया निशान
एक साल बाद भी अधर में लटके निर्णय… अब कुलाधिपति ने फिर दिखाया सख्त रुख!
रायपुर, 21 जुलाई | भांडाफोड़ न्यूज़ डॉट कॉम
छत्तीसगढ़ राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। राज्य के समस्त विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति (राज्यपाल) महोदय ने 19 जुलाई को राजभवन में आयोजित बैठक में सभी कुलपतियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शासकीय व निजी विश्वविद्यालयों के लिए एक एकीकृत पोर्टल बनाया जाएगा, जिसमें एडमिशन से लेकर परीक्षा परिणाम व फैकल्टी की नियुक्ति तक की हर गतिविधि अनिवार्य रूप से ऑनलाइन अपलोड करनी होगी।
लेकिन यह कोई नई बात नहीं है। ठीक इसी तरह की एक अहम बैठक ठीक एक साल पहले — 9 जुलाई 2024 को सचिव, उच्च शिक्षा विभाग व अध्यक्ष, निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग की उपस्थिति में रायपुर के सिविल लाइन स्थित न्यू सर्किट हाउस में आयोजित की गई थी। उस समय 25 ठोस निर्णय लिए गए थे, जिनका उद्देश्य राज्य के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना था।
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📌 फिर उन्हीं पुराने निर्णयों को दोहराया गया!
> परेशानी की बात यह है कि उन 25 में से 14, 21, 22 और 25 नंबर के निर्णयों पर आज तक कोई अमल नहीं हुआ।
अब जबकि पूरे 12 महीने बीत चुके हैं, उन्हीं पुराने निर्णयों को पुनः एजेंडा बनाकर माननीय कुलाधिपति के समक्ष पेश किया गया है।
कुलाधिपति महोदय ने एक बार फिर विश्वविद्यालयों को 2 माह की समयावधि देकर कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जबकि इन निर्णयों की अधिकतम समयसीमा पहले ही 30 दिन तय की गई थी।
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🔍 पूर्व में लिए गए प्रमुख निर्णय – एक नजर में
(बैठक दिनांक: 9 जुलाई 2024 | स्थान: न्यू सर्किट हाउस, रायपुर)
निर्णय क्रमांक विषय निष्कर्ष/दिशानिर्देश
14 शैक्षणिक पारदर्शिता सभी विश्वविद्यालयों को पोर्टल पर संपूर्ण जानकारी अपलोड करनी होगी
21 फैकल्टी क्वालिटी व नियुक्ति UGC/AICTE मानकों के अनुरूप नियुक्तियाँ अनिवार्य
22 छात्र हित रक्षा फीस, परीक्षा, डिग्री में पारदर्शिता अनिवार्य
25 निरीक्षण/नियंत्रण निजी विश्वविद्यालयों पर समय-समय पर सरकारी निरीक्षण आवश्यक
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⚠️ छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़
छत्तीसगढ़ के कई निजी विश्वविद्यालय इन निर्देशों की खुलेआम अनदेखी कर रहे हैं। न तो पोर्टल पर डेटा अपलोड किया गया है, न ही फैकल्टी योग्यता संबंधी मानकों का पालन हुआ है। कई विश्वविद्यालयों में छात्रों से मोटी फीस वसूल कर उन्हें औपचारिक शिक्षा भी नहीं दी जा रही।
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🟥 “भांडाफोड़ बॉक्स”: फिर वही ढीली कार्रवाई?
> “एक साल पहले लिए गए 25 में से एक भी महत्वपूर्ण निर्णय का पालन न होना इस बात का सबूत है कि निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करने में आयोग और उच्च शिक्षा विभाग दोनों ही असफल रहे हैं।”
अब कुलाधिपति महोदय ने फिर से 2 महीने की समय सीमा दी है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इस बार विश्वविद्यालय अपनी जवाबदेही निभाएंगे या यह बैठक भी केवल औपचारिकता बनकर रह जाएगी?
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📣 भांडाफोड़ अपील: राज्यपाल महोदय से अनुरोध
> “हम माननीय राज्यपाल महोदय से निवेदन करते हैं कि दिनांक 9 जुलाई 2024 को लिए गए पूर्व निर्णयों को अगले 15 दिन में पूर्णतः लागू करवाया जाए, ताकि राज्य के विद्यार्थियों को निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी से मुक्ति मिल सके और एक मजबूत शैक्षणिक ढांचा विकसित हो सके।”
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रिपोर्ट: विशेष संवाददाता, भांडाफोड़ न्यूज़ डॉट कॉम