भांडाफोड़ EXCLUSIVE
💥 “वेद प्रकाश पाण्डेय” का भ्रष्टाचार मॉडल – मंत्री जी की छाया में जल संसाधन विभाग में खुली लूट!
जगदलपुर | भांडाफोड़ न्यूज़ डॉट कॉम
छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग में पदस्थ कार्यपालन अभियंता वेद प्रकाश पाण्डेय का नाम अब विभागीय कामों से ज़्यादा टुकड़े-टुकड़े कर ठेका बांटने और पैसे को भगवान मानने वाली सोच के लिए जाना जा रहा है।
इनकी कारगुजारियों का ग्राफ इतना ऊपर जा चुका है कि नियम, संहिता, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय मंजूरी — सब को जेब में रखकर ठेके बाटे जा रहे हैं, और वो भी परिवारजनों और सेट ठेकेदारों को।
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🔍 2.84 करोड़ का स्टॉप डैम – जहाँ नाला ही 3 मीटर का है!
लोहांडीगुड़ा ब्लॉक के मिचनार गांव में मात्र 3 मीटर चौड़ाई वाले नाले पर ₹2.84 करोड़ का “स्टॉप डैम” बनाया जा रहा है। विभागीय नियमों के अनुसार ऐसे निर्माण के लिए मुख्य अभियंता स्तर की तकनीकी स्वीकृति जरूरी होती है, लेकिन वेद प्रकाश पाण्डेय ने इसे सीधे-सीधे अपने स्तर पर स्वीकृत कर दिया।
> पहले की स्वीकृति ₹1.20 करोड़ की थी, उसे निरस्त कर ₹2.27 करोड़ की नई प्रशासकीय स्वीकृति DMFT से ली गई — वो भी बिना किसी वैध प्रक्रिया के।
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🧱 बड़े काम, छोटे टुकड़े — यही है “वेद प्रकाश पाण्डेय का बोटी मॉडल”
विभागीय चर्चाओं में पाण्डेय को “बोटी पाण्डेय” का नाम यूं ही नहीं मिला। ये बड़े प्रोजेक्ट को जानबूझकर टुकड़ों में तोड़कर, अलग-अलग फर्मों को ठेका बांटते हैं — लेकिन सभी फर्में भाई, रिश्तेदार या साझेदार की ही निकलती हैं।
> “मैं नाम या सम्मान पर नहीं, सिर्फ पैसे पर भरोसा करता हूं – मंत्री जी मेरे कनिष्ठ हैं, मेरे कुछ नहीं बिगाड़ सकते।”
– ये बयान खुद पाण्डेय अपने अधीनस्थ स्टाफ से कहते पाए गए हैं।
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🛑 नियमानुसार लागत 15-20 करोड़, स्वीकृति 70 करोड़ की!
विभागीय दस्तावेजों के अनुसार वेद प्रकाश पाण्डेय ने 24 विभागीय कार्यों को खुद से 2-3 करोड़ लागत पर TS दे डाली, जबकि तकनीकी आंकलन में उन कार्यों की वास्तविक लागत 15–20 करोड़ से ज़्यादा नहीं बनती।
➡ MIS पोर्टल में जब स्कैन कॉपी मांगी गई, तो बोटी पाण्डेय के हाथ-पैर फूल गए।
➡ नवागत मुख्य अभियंता शंकर ठाकुर ने जब जांच की, तो सारे प्रकरणों को वापस कर दिया।
➡ अब दबाव डालने, धमकाने और जोड़-तोड़ की नई रणनीति चल रही है।
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🤝 भ्रष्टाचार में सहयोगी: भण्डारी भी सवालों के घेरे में
अधीक्षण अभियंता करन सिंह भण्डारी पर भी सवाल उठ रहे हैं —
क्यों नहीं रोका गया TS का गलत इस्तेमाल?
₹1 करोड़ की ऑफिस साज-सज्जा आचार संहिता में कैसे हुई?
फर्जी निर्माण कार्यों की स्वीकृति पर चुप्पी क्यों?
> “जो भी इन टेंडरों को छुएगा, उसकी नौकरी और पेंशन दोनों खतरे में पड़ जाएगी” — विभागीय स्टाफ की टिप्पणी।
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🔔 मंत्री जी, कृपया “वेद प्रकाश पाण्डेय” से दूरी बनाए रखें!
विभागीय चर्चा के अनुसार पाण्डेय खुलेआम कहते हैं कि –
> “मंत्री मेरे कनिष्ठ हैं, मैंने आधा खोखा देकर पोस्टिंग ली है, वो मुझे कुछ नहीं कह सकते।”
इस स्थिति में जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप से जनता की अपील है कि
👉 ऐसे अधिकारी को संरक्षण देने से बचें,
👉 और जीरो टॉलरेंस नीति का पालन कर भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई करें।
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📸 फोटो गैलरी व डॉक्युमेंट्स:
मिचनार स्टॉप डैम स्थल, फरवरी–मार्च में सूखा नाला
स्वीकृति आदेशों की कॉपी
कार्य स्थल पर शून्य कार्य की रिपोर्ट
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💬 भांडाफोड़ न्यूज़ डॉट कॉम कहता है:
> “जनता देख रही है, दस्तावेज बोलते हैं और अब चुप रहना पाप है!”
📢 यदि आपके पास भी है वेद प्रकाश पाण्डेय या ऐसे ही किसी अफसर से जुड़ा भ्रष्टाचार का दस्तावेज हो तो — सबूत सहित हमें भेजें, पड़ताल पश्चात….
💥हम करेंगे भांडाफोड़ न्यूज़ में खुलासा।💥
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