November 11, 2025 6:48 am

पानी के लिए तरसता बघवापारा – BJP पंच का छलका दर्द, सुशासन पर्व पर उठाए सवाल

पानी के लिए तरसता बघवापारा – BJP पंच का छलका दर्द, सुशासन पर्व पर उठाए सवाल

रिपोर्टर – bhandafodnews.com डेस्क, कोरिया (छ.ग.)

ग्राम रनई बघवापारा, तहसील बैकुंठपुर, जिला कोरिया से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो छत्तीसगढ़ शासन के सुशासन पर्व की हकीकत को बेनकाब कर रहा है।

यह मामला है ग्राम रनई के वार्ड क्रमांक 14 बघवापारा का, जहां की लगभग 20 से 25 परिवारों की बस्ती आज भी पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा के लिए जूझ रही है। यहां रहने वाले ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए 500 मीटर दूर हैंडपंप से पानी लाकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है।

सबसे हैरानी की बात यह है कि इस बस्ती में रामप्रताप साहू नामक व्यक्ति पंच भी हैं, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सक्रिय सदस्य भी हैं। बावजूद इसके, उन्होंने कई बार कलेक्टर, विधायक और भाजपा के अन्य पदाधिकारियों तक अपनी गुहार पहुंचाई, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

रामप्रताप साहू ने दिनांक 03 जून 2025 को जनदर्शन पोर्टल (टोकन नं. 201022500730) के माध्यम से एक बार फिर आवेदन दिया है जिसमें उन्होंने गांव में नए हैंडपंप की खुदाई की मांग की है। आवेदन क्रमांक 25143145210042 में साफ लिखा गया है कि बस्ती के लोगों को बेहद परेशानी हो रही है और पानी की इस किल्लत से अब जीना दूभर हो गया है।

रामप्रताप साहू ने मीडिया से बातचीत में साफ कहा कि “अब हमें प्रशासन से कोई उम्मीद नहीं बची है। विधायक से भी पूरी तरह से निराश हो चुके हैं। हम तो बस अब यही कह सकते हैं कि अगर कोई चमत्कार हो गया, तभी बघवापारा के लोगों को पीने का पानी मिल पाएगा।”

अब सवाल यह उठता है कि जब एक भाजपा कार्यकर्ता, वह भी ग्राम पंचायत स्तर का निर्वाचित पंच यदि अपनी बस्ती में पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा नहीं दिला पा रहा है, तो फिर आम जनता की स्थिति का अंदाज़ा लगाना कठिन नहीं है।

क्या यही है सुशासन त्यौहार की सच्चाई?
सरकार के तमाम दावे, योजनाएं और जनदर्शन जैसे मंच तब बेमानी साबित हो जाते हैं, जब पानी जैसी बुनियादी जरूरत के लिए भी जनता को सालों इंतजार करना पड़े।

बघवापारा की यह सच्चाई सुशासन के जश्न में गूंजती एक करुण पुकार बन चुकी है, जिसे सुनना और समझना अब सिर्फ ज़रूरी नहीं, बल्कि प्रशासन की जवाबदेही भी है।


इस तरह की खबरें बताती हैं कि “नल जल योजना” और “हर घर जल” जैसे वादे कागजों में ही सिमट कर रह गए हैं।
देखना होगा कि क्या रामप्रताप साहू की यह पुकार सुशासन पर्व की भीड़ में गुम हो जाएगी या फिर किसी दिन यह पानी बनकर बह निकलेगी…

[bhandafodnews.com – सच के साथ]

Leave a Comment

और पढ़ें

best news portal development company in india

Cricket Live Score

Corona Virus

Rashifal

और पढ़ें