30 वर्षों से चल रही नियुक्ति की फर्जीगाथा का भांडाफोड़
एक ही दिन में नियुक्ति आदेश, मेडिकल और उपस्थिति कैसे मुमकिन ?
भांडाफोड़ न्यूज़ की विशेष रिपोर्ट
दुर्ग/रायपुर।
भांडाफोड़ न्यूज़ को एक चौंकाने वाला दस्तावेज़ हाथ लगा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मनोज कुमार आगलावे नामक व्यक्ति बीते 30 वर्षों से जल संसाधन विभाग, दुर्ग में सहायक ग्रेड-2 के पद पर फर्जी नियुक्ति आदेश के आधार पर कार्यरत हैं। यह पूरा मामला न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है बल्कि इससे यह भी उजागर होता है कि विभागीय मिलीभगत से किस प्रकार वर्षों तक एक व्यक्ति सरकारी पद पर बना रह सकता है।
क्या है मामला?
प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार :
17.08.1994 को अधीक्षण यंत्री, तरण यांत्रिकी मंडल, रायपुर द्वारा आदेश क्रमांक 2988/स्था. के तहत मनोज कुमार को नियुक्त किया गया।
उसी दिन सुबह 10:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक उनका मेडिकल परीक्षण भी संपन्न हुआ।
इतना ही नहीं, उसी दिन पूर्वान्ह में उन्होंने कार्यालय में उपस्थिति भी दर्ज कर दी।
यह तीनों कार्य – नियुक्ति आदेश, मेडिकल जांच और उपस्थिति – एक ही दिन में कैसे पूरे हो गए, यह जांच का गंभीर विषय है।
संदेहास्पद नियुक्ति प्रक्रिया
नियमानुसार किसी भी सहायक ग्रेड-2 पद पर नियुक्ति का आदेश केवल प्रमुख अभियंता या मुख्य अभियंता द्वारा जारी किया जा सकता है।
जबकि मनोज कुमार की नियुक्ति एक अधीक्षण यंत्री द्वारा की गई है, जो इस पद के लिए प्राधिकृत अधिकारी ही नहीं है।
आदेश में यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह नियुक्ति दैनिक वेतन भोगी, अनुकंपा, या नियमित श्रेणी में की गई है।
भांडाफोड़ न्यूज़ का सवाल
1. एक ही दिन में आदेश, मेडिकल और उपस्थिति – क्या यह प्रशासनिक चमत्कार है या सुनियोजित फर्जीवाड़ा?
2. यदि अधीक्षण यंत्री के पास नियुक्ति का अधिकार नहीं था, तो आदेश कैसे मान्य हुआ?
3. 30 वर्षों तक विभाग ने इस फर्जी आदेश की जांच क्यों नहीं की?
4. क्या इसमें विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत भी शामिल है?
जनहित में आवश्यक उच्चस्तरीय जांच
यह मामला केवल एक व्यक्ति की फर्जी नियुक्ति का नहीं है, यह सरकारी प्रणाली में गहरे जड़े भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और मिलीभगत की तस्वीर को उजागर करता है।
भांडाफोड़ न्यूज़ की मांग है कि इस पूरे प्रकरण की स्वतंत्र एजेंसी या राज्य सतर्कता आयोग से उच्चस्तरीय जांच कराई जाए ताकि दोषियों को बेनकाब किया जा सके।
> “सरकारी पदों पर इस प्रकार की अनियमितता न केवल योग्य युवाओं का हक मारती है, बल्कि पूरे तंत्र की विश्वसनीयता को भी ठेस पहुंचाती है।”
जनहित में जारी
भांडाफोड़ न्यूज़ टीम













